当前位置:
2004 में ऑस्ट्रेलिया से घर में हारने वाली भारतीय टीम के सभी सदस्यों की जानकारी
时间:2023-11-30 19:43:20 出处:डायबिटीज के लक्षण阅读(143)
2004-05 में भारतीय क्रिकेट टीम (Indian Cricket Team) वर्ल्ड क्रिकेट में मजबूती से आगे बढ़ रही थी। 1983 वर्ल्ड कप जीतने के बाद भारत में कई महान खिलाड़ी हुए,मेंऑस्ट्रेलियासेघरमेंहारनेवालीभारतीयटीमकेसभीसदस्योंकीजानकारी जिसमें मोहम्मद अजहरुद्दीन, सौरव गांगुली, सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, वीवीवीएस लक्ष्मण और वीरेंदर सहवाग जैसे कई दिग्गज खिलाड़ी थे। इन सभी क्रिकेटरों ने भारतीय क्रिकेट को एक नई दिशा दी।90 के दशक में भारतीय टीम को एक कमजोर टीम माना जाता था, लेकिन सौरव गांगुली ने अपनी कप्तानी में इस धारणा को गलत साबित कर दिया। गांगुली ने अपनी कप्तानी में टीम में जीत की आदत डाली। उन्होंने आक्रामक क्रिकेट खेलने और जीत के लिए सब कुछ झोंक देने वाली भावना टीम के अंदर भरी। 2004 में जब ऑस्ट्रेलियाई टीम ने 4 टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए भारत का दौरा किया तब भारतीय टीम का आत्मविश्वास काफी बढ़ा हुआ था।ऑस्ट्रेलिया के साथ सीरीज से पहले भारतीय टीम पाकिस्तान में सीरीज जीतकर आई थी, इसलिए टीम अच्छी फॉर्म में दिख रही थी। अगर भारतीय टीम उस वक्त बेहतरीन फॉर्म में थी तो दूसरी तरफ ऑस्ट्रेलिया की टीम भी जबरदस्त क्रिकेट खेल रही थी। उस समय उन्हें हराना लगभग असंभव सा था। हुआ भी ऐसा ही, कंगारु टीम ने भारत को टेस्ट सीरीज में 2-1 से हरा दिया। आइए आपको बताते हैं उस समय भारतीय टेस्ट टीम में कौन-कौन खिलाड़ी थे।उस समय भारतीय क्रिकेट में कई शानदार सलामी बल्लेबाज आए। ये बल्लेबाज हर मुश्किल परिस्थिति और दबाव में बल्लेबाजी करने में सक्षम थे। नई बाल को खेलने में ये बल्लेबाज माहिर थे। इन्हीं बल्लेबाजों में से एक थे आकाश चोपड़ा। टीम में जगह बनाने के लिए आकाश चोपड़ा को काफी मेहनत करना पड़ा, लेकिन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जब टेस्ट सीरीज में उनको जगह मिली तो वो कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर पाए। आकाश चोपड़ा किसी भी मैच में दहाई का आंकड़ा तक नहीं छू सके। शायद इसी वजह से एक मैच में तो युवराज सिंह को ओपनिंग के लिए भेजा गया। आकाश चोपड़ा ने बैंगलोर और नागपुर में खेले गए मैच में 0, 5, 9 और 1 रन बनाए। नागपुर का मैच भारतीय क्रिकेट टीम की तरफ से उनका आखिरी मैच था।दिल्ली के बल्लेबाज गौतम गंभीर ने इसी सीरीज में अपना टेस्ट डेब्यू किया था। हालांकि अपने डेब्यू मैच में वो सफल नहीं रहे। मुंबई में खेले गए डेब्यू मैच में गंभीर मात्र 3 और 1 रन ही बना सके थे। लेकिन अगले दौरे पर साउथ अफ्रीका के खिलाफ 96 रनों की पारी खेलकर उन्होंने बता दिया कि उनके अंदर टैलेंट की कोई कमी नहीं है।वीरेंदर सहवाग एक विस्फोटक बल्लेबाज के तौर पर टीम में जगह बना चुके थे। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अपने डेब्यू टेस्ट मैच में ही शतक जड़कर उन्होंने शानदार तरीके से अपने क्रिकेट करियर का आगाज किया। उनकी बल्लेबाजी को देखते हुए कप्तान सौरव गांगुली ने उन्हें ओपनिंग करने के लिए कहा। ये फैसला सहवाग के करियर में मील का पत्थर साबित हुआ।इसके बाद टेस्ट क्रिकेट में वीरेंदर सहवाग सबसे विस्फोटक बल्लेबाज बन गए। 2004 में जब ऑस्ट्रेलियाई टीम ने भारत का दौरा किया तब सहवाग ने काफी रन बनाए। चेन्नई टेस्ट में सहवाग ने 155 रनों की पारी खेली। मुंबई टेस्ट में पहली बार सहवाग और गंभीर को जोड़ी ओपनिंग करने के लिए उतरी। इसके बाद इस जोड़ी ने कई मैचों में भारतीय टीम के लिए जीत की बुनियाद रखी।
分享到:
温馨提示:以上内容和图片整理于网络,仅供参考,希望对您有帮助!如有侵权行为请联系删除!
猜你喜欢
- स्कूल की सजा का मज़ा-1
- 'कंटेंट पसंद नहीं तो नौकरी छोड़ दें', Netflix का कर्मचारियों को फरमान, Elon Musk ने की तारीफ
- यूपी: संभल में बारातियों से भरी बस का एक्सीडेंट, 7 की मौत, 8 घायल
- Partha Chatterjee Arpita Mukherjee Gold Cash Limit : কোনও অবিবাহিত মহিলা বাড়িতে কতটা সোনা রাখতে পারেন? জানুন নিয়ম
- जंगल में गांड मंगल
- Syrma SGS IPO का अलॉटमेंट आज, GMP अब भी मजबूत, 4420 रुपये एक लॉट पर कमाई!
- डेब्यू फिल्म के बाद गायब हो गए थे सनी देओल के बेटे करण, बोले- गलतियों से सीख ली
- Virat Kohli: इंग्लैंड नहीं आसान...खराब फॉर्म-एंडरसन का खौफ! विराट कोहली के सामने ये 5 बड़ी चुनौती
- टेंशन दूर हो गया-1